लैंसडाउन खूबसूरत हिल स्टेशन
उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित लैंसडाउन एक छावनी शहर है। जिसकी खूबसूरत देखते ही बनती है। उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में स्थित लैंसडाउन बेहद खूबसूरत पहाड़ी हिल स्टेशन है।
यहां का मौसम पूरे वर्ष बेहद सुहावना रहता है। हर तरफ हरियाली आपको अलग दुनियां का एहसास कराती है। लैंसडाउन की ऊंचाई समुद्रतल से लगभग 1706 मीटर है। कहा जाता है कि इस जगह को अंग्रेजों ने पहाड़ों को काटकर बसाया था।
औपनिवेशिक काल के दौरान यह स्वतंत्रता सेनानियों का प्रमुख स्थान था। अंग्रजों ने इस स्थान का गढ़वाल राइफल्स प्रक्षिक्षण केद्र के रूप् में विकसित किया। आज यहां भारतीय सेना का गढ़वाल राइफल्स कमांड ऑफिस स्थित है।
हरे भरे देवदार के जंगलों से घिरा यह हिल स्टेशन सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। साथ ही, यह पर्यावरणीय पर्यटन के लिए भी उत्तम स्थान है।
इसकी स्वस्थ जलवायु और प्राकृतिक सुंदरता से आकर्षित होकर, उन्होंने यहां एक छावनी की स्थापना की। भारतीय सेना की प्रसिद्ध गढ़वाल राइफल्स का यहां कमांड ऑफिस है।
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लैंसडाउन जाने के लिए बेस्ट टाइम
वैसे तो लैंसडाउन में मौसम सालभर ही सुहावना रहता है। यहां गर्मी भी ज़्यादा नहीं पड़ती। मार्च से जून के बीच यहां काफी खुशनुमा मौसम रहता है, वहीं दिसंबर से फरवरी के बीच कड़ाके की ठंड पड़ती है। कई बार तापमान शून्य तक चला जाता है। हालांकि सर्दियों के दौरान बर्फबारी देखने लायक होती है।
फरवरी-मार्च के दौरान यहां शिवरात्रि का सेलिब्रेशन होता है, जिसका दृश्य काफी मनोरम होता है। लैंसडाउन जाने के लिए सबसे बेस्ट टाइम है मार्च से नवंबर के बीच। उस वक्त न तो गर्मी होती है और न ही ज़्यादा ठंड
लैंसडाउन के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
वीकएंड पर अगर आप लैंसडाउन जा रहे हैं, तो जाहिर है आपके पास वक्त की कमी होगी, लेकिन यह वक्त छोटे से लैंसडाउन को घूमने के लिए काफी है। इतने वक्त को आप चाहें, तो किसी होटल के गार्डन में सुस्ता कर बिता लें या लैंसडाउन के चक्कर काटकर, क्योंकि इस छोटे से हिल स्टेन में देखने लायक सभी जगह काफी नजदीक हैं।
भुल्ला ताल:
होटल में अपना सामान रखकर आप भुल्ला ताल का रुख कर सकते हैं, जो एक छोटी सी झील है। मन करे, तो इसमें बोटिंग कर लें या इसके किनारे पार्क में बैठकर हंसते-खेलते पर्यटकों की खुशी में शामिल हो जाएं।
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टिप एन टॉप:
मन करे, तो टिप एन टॉप चले जाएं, जहां से दूर-दूर तक पर्वतों और उनके बीच छोटे-छोटे कई गांव नजर आते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अलौकिक लगता है। अगर मौसम साफ हुआ, तो बर्फ से ढके पहाड़ों की लंबी श्रृंखला नजर आ सकती है। वैसे अक्टूबर-नवंबर और मार्च-अप्रैल में मौसम साफ रहने की संभावना ज्यादा रहती है।
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चर्च और वॉर मेमोरियल:
कुछ वक्त टिफिन टॉप में बिताने के बाद चर्च देख सकते हैं। गढ़वाल राइफल्स की वीरगाथा की झलक पाने के लिए शाम 5 बजे से पहले वॉर मेमोरियल देख सकते हैं। इसके बिल्कुल पास में है, परेड ग्राउंड, जिसे आम पर्यटक बाहर से ही देख सकते हैं।
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मंदिर:
शाम को सनसेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए संतोषी माता के मंदिर जाएं, जो शायद लैंसडाउन की सबसे ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। लैंसडाउन में घूमने का दोगुना लुत्फ चाहें, तो पैदल घूमें।temple |
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ताड़केश्वर मंदिर:
अगली सुबह लैंसडाउन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर भैरवगढ़ी या ताड़केश्वर मंदिर तक ट्रेकिंग कर सकते हैं। दोनों जगहों तक गाड़ी से भी जा सकते हैं, लेकिन चीड़, देवदार, बुरांश और बांज के घने जंगलों से ट्रेकिंग करते हुए यहां तक पहुंचने का अलग ही रोमांच है।
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रोमांच भी, सुकून भी: कई पर्यटक लैंसडाउन में हफ्ते भर रहना पसंद करते हैं, क्योंकि यह शांत और खूबसूरत होने के साथ ही विकसित भी है। भारत में इस तरह के हिल स्टेशन बहुत कम हैं। कुछ पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग, बाइकिंग, साइकलिंग जैसे एडवेंचर करने की सुरक्षित जगह है लैंसडाउन, तो कुछ पर्यटक फैमिली के साथ वीकएंड मनाने के लिए यहां आते हैं।
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