Monday, 11 May 2020

बहने लगी पलायन की उलटी गंगा..!

अविस्मरणीय,अतुलनीय,अद्दभुत,अलौकिक
अतिथि देवो भव...घर बौडी ह्वे गै पहाड़
जो सड़क शहर को जाती है
वही सड़क गाँव को आती है
लौटने की इच्छा हो तो यहां स्वर्गलोक है..!!




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