Part -2
उत्तराखंड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसको अगर बढ़ावा दिया जाय तो बहुत हद तक Migration रुक सकता हैं। जहां तक पर्यटन की बात है तो उत्तराखंड में उस की अपार संभावनाएं हैं। क्योंकि प्रकृति ने उत्तराखंड को एक से एक अनमोल उपहार दिए हैं। वैसे भी यह भूमि देवभूमि है।यहां के कण-कण में देवता वास करते हैं।साथ ही साथ यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता हैं।ऊंची ऊंची बर्फ से ढकी हुई चोटियां ,शानदार हिमालय दर्शन व हरे भरे खेत।
अगर इमानदारी से सरकार की तरफ से प्रयास हो और लोगों का सहयोग हो। तो यह एक अकेला क्षेत्र है जहां पर कई तरह के रोजगार स्थापित किए जा सकते हैं। लोगों के घर वापसी के रास्ते खोले जा सकते हैं। Migration को काफी हद तक रोका जा सकता हैं।
हमारी सांस्कृतिक धरोहर मेलों और त्योहारों के रूप में भी बसी हुई हैं। और हर महीने उत्तराखंड के किसी न किसी हिस्से में कोई न कोई धार्मिक व सांस्कृतिक मेला या त्यौहार जरूर होता है।जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है । पहाड़ के छोलिया नृत्य का तो क्या कहना लाजवाब नृत्य है । जो हमारे पहाड़ की पहचान भी है ।
हमारे पूर्वजों का शिल्प ज्ञान भी हमारी धरोहर है जिनसे नए रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। इनको अगर एक मंच मिल जाए तो यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बन सकता हैं।युवाओं को अगर इन से जोड़ा जाए तो युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही। साथ में धरोहर भी जिंदा रहेंगी। साथ ही साथ युवा अपने गांव में भी रह सकेंगे।
उत्तराखंड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसको अगर बढ़ावा दिया जाय तो बहुत हद तक Migration रुक सकता हैं। जहां तक पर्यटन की बात है तो उत्तराखंड में उस की अपार संभावनाएं हैं। क्योंकि प्रकृति ने उत्तराखंड को एक से एक अनमोल उपहार दिए हैं। वैसे भी यह भूमि देवभूमि है।यहां के कण-कण में देवता वास करते हैं।साथ ही साथ यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता हैं।ऊंची ऊंची बर्फ से ढकी हुई चोटियां ,शानदार हिमालय दर्शन व हरे भरे खेत।
अगर इमानदारी से सरकार की तरफ से प्रयास हो और लोगों का सहयोग हो। तो यह एक अकेला क्षेत्र है जहां पर कई तरह के रोजगार स्थापित किए जा सकते हैं। लोगों के घर वापसी के रास्ते खोले जा सकते हैं। Migration को काफी हद तक रोका जा सकता हैं।
ऐसा नहीं है कि पलायन ( Migration) को रोका ही नहीं जा सकता। बस जरूरत है एक दृढ़ इच्छाशक्ति की, एक इमानदार सरकार की जो इस बारे में गंभीरता से सोचें साथ ही साथ लोगों के सहयोग की, एक ऐसे नेता की जो सिर्फ चुनाव जीतने के लिए अपने क्षेत्र में ना जाए।बल्कि उसी क्षेत्र में स्थाई रूप से रह कर वहां की लोगों की समस्याओं का समाधान करें।अगर ऐसा हो जाए तो वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड के लोग वापस अपने पहाड़ों में, अपने गांव में लौटने लगेंगे। और मुझे उस दिन का इंतजार रहेगा।
उत्तराखंड में Migration की समस्या पूरी तरह से खत्म की जा सकती है। Migrate हुये लोग दुबारा अपने घर लौट सकते है।बस एक ईमानदार कोशिश चाहिए।
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English Translation :
Our cultural heritage is also in the form of fairs and festivals. And every month there is definitely some religious and cultural fair or festival in some part of Uttarakhand. Which reflects our cultural heritage. What to say about the Choliya dance of the mountain is a wonderful dance. Which is also the identity of our mountain.
The craft knowledge of our ancestors is also our heritage from which new jobs can be created. If they get a platform, then it can become a center of attraction for the people. If the youth are linked with them, then the youth will get employment. Together the heritage will also be alive. At the same time, the youth will also be able to live in their village.
Tourism in Uttarakhand is an area that if promoted, Migration can be halted to a great extent. As far as tourism is concerned, it has immense potential in Uttarakhand. Because nature has given one to one precious gifts to Uttarakhand. Anyway, this land is Devbhoomi, where the gods reside in every particle, as well as the region is known for its natural beauty. High snow-capped peaks, magnificent Himalayan darshan and lush green fields.
If there is a sincere effort from the government and cooperation of the people, then this is the only area where many types of employment can be established. Homecoming routes can be opened for people. Migration can be prevented to a great extent.
It is not that Migration cannot be stopped. All that is needed is a strong will, a sincere government who think seriously about it, as well as the support of the people, a leader who does not go to his constituency just to win the election. Stay and solve the problems of the people there. If this happens then the day is not far when the people of Uttarakhand will start returning to their mountains, to their village. And I look forward to that day.
The problem of migration in Uttarakhand can be completely eliminated. Migrated people can return to their homes again. Just need an honest effort.
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