Friday, 15 May 2020

सुरकंडा देवी का मंदिर।

उत्तराखंड के टिहरी जनपद में स्थित जौनुपर के सुरकुट पर्वत पर स्थित सुरकंडा देवी का मंदिर। यह स्‍थान समुद्रतल से करीब तीन हजार मीटर ऊंचाई पर है। आगे जानिए, इस मंदिर की स्‍थापना की रोचक कहानी।


Surkanda Devi
Surkanda Devi

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब हिमालय के राजा दक्ष ने कनखल में यज्ञ का आयोजन किया, तो अपने दामाद भगवान शिव को निमंत्रण नहीं भेजा। ऐसे में दक्ष की बेटी और भगवान शिव की पत्नी देवी सती नाराज हो गई।

अपने पति के अपमान के आहत माता सती ने राजा दक्ष के यज्ञ में आहूति दे दी। इससे भगवान शिव उग्र हो गए। उन्होंने माता सती का शव त्रिशूल में टांगकर आकाश भ्रमण किया। इस दौरान नौ स्‍थानों पर देवी सती के अंग धरती पर पड़े। वे स्‍थान शक्तिपीठ कहलाए।

Surkanda Devi
Surkanda Devi

इसी में देवी सती का सिर जहां गिरा। वह स्‍थान माता सुरकंडा देवी कहलाया। पौराणिक मान्यता है कि देवताओं को हराकर राक्षसों ने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में देवताओं ने माता सुरकंडा देवी के मंदिर में जाकर प्रार्थना की कि उन्हें उनका राज्य मिल जाए। उनकी मनोकामना पूरी हुई और देवताओं ने राक्षसों को युद्घ में हराकर स्वर्ग पर अपना आधिपत्य स्‍थापित किया।

Surkanda Devi
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Surkanda Devi
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